UPSSSC will appoint in the Vidhansabha and Vidhan Parishad. UPSSSC द्वारा होगी विधानसभा तथा विधान परिषद में नियुक्ति, लखनऊ हाई कोर्ट ने दिया सख्त आदेश। यूपीएसएसएससी में लगभग 700 पदों पर भर्ती के सम्बन्ध में लखनऊ हाई कोर्ट में भर्ती रद्द करने के लिए याचिका दी गयी थी। जिसको न्यायलय द्वारा अस्वीकार करते हुए याचिका रद्द कर दिया है। लेकिन न्यायलय द्वारा सख्त आदेश दिया गया है कि विधान सभा तथा विधान परिषद् में होने वाली भर्तियों की जिम्मेदारी UPSSSC स्वयं उठाये। किसी अन्य पार्टी को इसकी जिम्मेदारी न दी जाये।
तीन माह के अन्दर नियमों में संशोधन
कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए UPSSSC को अपने नियमों में बदलाव करने के भी आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने भर्ती के सम्बन्ध में दायर की गयी याचिका के सम्बन्ध में यह फैसला सुनाया और अगले टीम महीने के अंदर नियमों में बदलाव करने के लिए कहा। न्यायायल ने कहा कि किसी भी विभाग की भर्ती प्रक्रिया ट्रांसपेरेंट तरीके से होनी चाहिए। जिससे कि लोगों का विश्वास बना रहे। अतः किसी निजी कम्पनी को न सौंप कर UPSSSC खुद भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी उठाये।
UPSSSC भर्ती रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी
यह याचिका सुशील कुमार तथा अन्य द्वारा दाखिल की गयी थी जिसमे कहा गया था कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन तथा जाती पाति का भेदभाव हो रहा है। इस याचिका को लेकर अधिवक्ताओं में भी असहमति देखने को मिली और सभी ने इस याचिका का विरोध किया। अंत में न्यायलय ने इस याचिका को ख़ारिज करने का फैसला लिया। और कहा की सम्बिदा पर कार्यरत कर्मचारी अगली सूचना तक कार्य करते रहेंगे।
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