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ऐसा लगता है जैसे महंगाई की मार जनता हमेशा झेलती रहेगी। हालिया मीटिंग में वितता मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये निर्णय लिया है अब दूध और दही जैसे डेरी सामान पर भी जीएसटी का भार लाद दिया जाये। वित्त मंत्रालय की हुई बैठक में सीतारमण ने कहा की कुछ प्रोडक्ट्स जैसे दूध दही को जीएसटी के घेरे से दूर रखा गया था अब उसका समय समाप्त हो चूका है।

उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ

दूध दही छाछ ये सब एक आम इंसान की जरूरत होती है। जिसे अभी तक कोई भी क्या अमीर क्या गरीब भी खरीद लेता है। लेकिन सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं को चिंता हो सकती है। पिछले सप्ताह हुई GST Council की 47वीं बैठक में यह बताया गया की अभी तक खाने-पीने की कुछ वैसी खास चीजों, अनाजों आदि को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था, जो ब्रांडेड नहीं थे. अब यह सुझाव दिया जाता है कि पैकेट वाली पैकेट वाली दही, लस्सी, बटरमिल्क आदि समेत लीगल मीट्रोलॉजी एक्ट के तहत प्री-पैकेज्ड व प्री-लेबल्ड कैटेगरी में आने वाली खाने-पीने की चीजों पर दी जा रही छूट समाप्त की जाए।

डेयरी कम्पनियों को होगा लाभ

gst on milk curd

इस फैसले से उपभोक्ता को तो नुकसान होगा ही। लेकिन वही मार्किट में जितनी भी डेयरी कंपनियां है उनको अधिक लाभ होने वाला है। क्योंकि GST  लगने के बाद ये सभी कंपनियां प्रोडक्ट्स पर हुए सभी खर्चों जैसे पैकेजिंग, ढुलाई, विज्ञापन पर हुए खर्चों को लेने के लिए तत्पर होंगी। हालांकि आपको बता दें जो पैकेट वाले दूध आते हैं वे अभी भी GST के दिए से बहार हैं। इसलिए डेयरी वाले इसका फायदा उठा सकते हैं।

कितनी फ़ीसदी देनी होगी GST

जीएसटी परिषद ने कुछ खाद्य पदार्थों, अनाज आदि पर कर छूट वापस ले ली है और अब इन पर 5% GST लगेगा। इस फैसले के बाद पैकेट बंद दही, लस्सी और छाछ जैसे दूध उत्पादों के दाम बढ़ने तय हैं। इसके अलावा गेहूं और अन्य अनाज के आटा और गुड़ पर पांच फीसदी जीएसटी लगने से आने वाले समय में पैकेट बंद दूध भी महंगा हो सकता है जो अभी जीएसटी के दायरे से बाहर है।

By BABA JI

This is Raghvendra Pratap Pandey Founder of Technoyukti, I am a student also. I completed my graduation in 2018 from Lucknow University. I am from Gonda which is in UP. I do Blogging by passion,Study by culture.I like to share my knowledge and want to share our views, ideas.

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