दोस्तों अगर आप गूगल फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके कोई गलत खबर फैला रहे हैं तो सावधान हो जाइये। अब यूरोपियन कमीशन ने इससे बचने के लिए कुछ तैयार किया है।
यूरोपियन कमीशन ने गूगल तथा फेसबुक व ट्विटर को चेतावनी दते हुए कहा की जितना जल्दी हो सके फेक न्यूज़ फ़ैलाने वाली एकाउंट्स को ब्लॉक किया जाये तथा इससे बचाओ के लिए उपाय किया जाये।
अन्यथा 2018 के यूरोपियन कमीशन में बनायें गए कोड जिसमें फ़र्ज़ी खबरों के लिए खंड तथा दण्ड विधान है इसका उपयोग करके कंपनियों से जुर्माना वसूला जायेगा।
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Deepfake क्या है?
यह एक प्रकार का AI अल्गोरिथम है। जोकि किसी फेक न्यूज़ को या गलत छवियों को स्वतः पहचान कर उसको हटाने के लिए कार्य करता है। इसमें डाटा का एक बहुत बड़ा स्वरुप शामिल होता है।
यूरोपियन कमीशन की नयी स्कीम क्या है?
2018 के मुताबिक यह इस प्रकार से तैयार किया गया था जिससे इसकी सहायता से नकली समाचारों को पहचाना जा सके। यूरोपियन कमीशन ने एक प्रकार का वॉलेंटरी कोड प्रस्तुत किया था।
कम्पनिओं को देना पद सकता है जुर्माना
आपको पता होगा यूरोपियन देशो में कुल 27 देश शामिलो हैं। इसलिए सभी की मर्यादा को देखते हुए यूरोपियन कमीशन ने यह सख्त नियम शामिल किया है। और लगभग सभी 27 देशों ने इसकी मंजूरी दे दी है। देखना यह है आने वाली समय में कब तक ये कम्पनियां इस समस्या का हल निकालती है।